24 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए अवसर पैदा करने और पशुपालन आधारित उद्यमिता (Entrepreneurship) को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के तहत एक बड़ी पहल कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा भेड़ एवं बकरी पालन परियोजनाओं के लिए 50 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों, पशुपालकों और ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें एक सफल उद्यमी के रूप में स्थापित करना है।
50 लाख रुपये तक की भारी सब्सिडी का प्रावधान
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) के तहत 500 भेड़ या बकरियों की क्षमता वाली यूनिट स्थापित करने पर विशेष सहायता दी जा रही है:
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सब्सिडी की मात्रा: कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार वहन करेगी।
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अधिकतम सीमा: पात्र आवेदकों को अधिकतम 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा सकती है।
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किसे मिलेगा लाभ: व्यक्तिगत उद्यमी, किसान समूह (FPO), स्वयं सहायता समूह (SHG) और निजी कंपनियां इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
नस्ल सुधार और बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर
सरकार का ध्यान केवल आर्थिक सहायता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उत्पादन बढ़ाने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रमों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। इसका लक्ष्य उत्तम आनुवंशिक नस्लों के माध्यम से मटन (मांस) और ऊन के उत्पादन में अंतरराष्ट्रीय स्तर की वृद्धि करना है।
इसके अतिरिक्त, पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (AHIDF) के माध्यम से सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है। वैक्सीन उत्पादन, अपशिष्ट प्रबंधन और ऊन प्रसंस्करण (Processing) जैसी इकाइयों के लिए सरकार 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भी प्रदान कर रही है, जिससे उद्यमियों पर कर्ज का बोझ कम होगा।
‘गरीबों का एटीएम’ है भेड़ पालन: ग्रामीण आय का मजबूत स्रोत
भेड़ और बकरी पालन को ग्रामीण क्षेत्रों में ‘गरीबों का एटीएम’ कहा जाता है क्योंकि यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए नकदी का तत्काल और भरोसेमंद स्रोत है। भेड़ पालन कम निवेश में शुरू किया जा सकता है और यह सूखे की मार झेलने वाले क्षेत्रों में भी आजीविका का सबसे टिकाऊ साधन साबित होता है। सरकार अब मोबाइल पशु चिकित्सा वैन और कृत्रिम गर्भाधान जैसी आधुनिक सेवाओं को सीधे किसानों के दरवाजे तक पहुँचा रही है।
एकीकृत मूल्य श्रृंखला (Value Chain) का विकास
डेयरी और पोल्ट्री क्षेत्र की सफलता को देखते हुए, सरकार भेड़ पालन क्षेत्र में भी एक मजबूत और एकीकृत मूल्य श्रृंखला विकसित करने पर काम कर रही है। इससे किसानों को उनके उत्पादों (मांस और ऊन) का उचित बाजार मूल्य मिल सकेगा और बिचौलियों की भूमिका कम होगी। निजी क्षेत्र की भागीदारी और आधुनिक कौशल विकास के माध्यम से देश के मटन और ऊन क्षेत्र की अप्रयुक्त क्षमता को वैश्विक बाजार तक ले जाने की तैयारी है।
महत्वपूर्ण जानकारी एक नज़र में: