क्यों जरूरी है पैन को आधार से जोड़ना?
भारत सरकार के नवीनतम नियमों के अनुसार, स्थायी खाता संख्या (PAN) को आधार कार्ड से लिंक करना अब केवल एक विकल्प नहीं बल्कि कानूनी अनिवार्यता बन गया है। यदि कोई नागरिक 31 दिसंबर तक इस प्रक्रिया को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसका पैन कार्ड पूरी तरह से निष्क्रिय (Deactivated) कर दिया जाएगा। पैन कार्ड के निष्क्रिय होने का सीधा असर व्यक्ति की वित्तीय गतिविधियों पर पड़ेगा। इसके बिना आप न तो नया बैंक खाता खुलवा पाएंगे और न ही अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल कर सकेंगे। इसके अलावा, शेयर बाजार में निवेश के लिए आवश्यक डीमैट अकाउंट और अन्य बड़े वित्तीय सौदों में भी कानूनी बाधाएं आ सकती हैं।
निर्धारित शुल्क और स्टेटस चेक करने का तरीका
अक्सर लोगों में यह भ्रम रहता है कि पैन-आधार लिंकिंग की सुविधा अभी भी मुफ्त है, लेकिन आयकर विभाग ने अब इसके लिए 1,000 रुपये का विलंब शुल्क (Penalty) अनिवार्य कर दिया है। प्रक्रिया शुरू करने से पहले प्रत्येक करदाता को अपना लिंकिंग स्टेटस जांचना चाहिए। इसके लिए आपको आयकर विभाग के आधिकारिक ‘ई-फाइलिंग पोर्टल’ पर जाना होगा। वहां ‘Link Aadhaar Status’ विकल्प पर क्लिक करके अपना पैन और आधार नंबर दर्ज करें। यदि स्क्रीन पर संदेश आता है कि ‘Your PAN is already linked’, तो आपको दोबारा कुछ करने या शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है।
















